सुकून मिल गया मुझको बदनाम होकर, आपके हर इक इल्ज़ाम पे यूँ बेजुबान होकर... लोग पढ़ ही लेंगें आपकी आँखों में मेरी मोहब्बत, चाहे कर दो इनकार अंजान होकर...